डेरी विकास योजना

           उत्तराखण्ड में डेरी विकास विभाग के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध सहकारी समितियों गठित करते हुए दुग्ध उत्पादकों को वर्ष पर्यन्त दूध विपणन की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने तथा नगरीय क्षेत्रों में उपभोक्ताओं/ पर्यटकों/तीर्थयात्रियों/संस्थाओं को उचित दर पर उच्च गुणवता के दूध एवं दुग्ध पदार्थों की आपूर्ति सुनिश्चित करने में डेयरी विकास विभाग, महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। उक्त के अतिरिक्त दुग्ध उत्पादकों को ग्राम स्तर पर तकनीकी सुविधाएं यथा रियायती दर पर संतुलित पशुआहार, पशु स्वास्थ्य-सेवाएं, चारा विकास व प्रशिक्षण तथा दुधारू पशु क्रयार्थ ऋण व अनुदान आदि की सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

उेरी विकास योजनान्तर्गत निम्न कार्य किये जातेे है-

यातायात अनुदान- इसके अन्तर्गत दुग्ध समितियों से दुग्ध संग्रह कर दुग्धशाला से लाने हेतु दुग्ध परिवहन में आने वाले व्यय में से राजकीय अंश के रूप में अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादित दूध के ढुलान पर होने वाले यातायात व्यय के अतिरिक्त व्ययभार को वहन करने हेतु यातायात अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।

 सैट्रल डेरी लैबः-डेरी विकास योजना अन्तर्गत दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लालकुआॅ, जनपद-नैनीताल में स्थापित सेन्ट्रल डेरी लैब जिसमें उत्तराखण्ड के विभिन्न दुग्ध संघों द्वारा उत्पादित दूध एंव दुग्ध पदार्थों की गुणवत्ता परीक्षण का कार्य किया जाता है ताकि उपभोक्ताओं को निर्धारित गुणवत्ता का दूध एव्ंा दुग्ध पदार्थ उपलब्ध हो सके। डेरी विकास योजनान्तर्गत दुग्धशाला हेतु उपकरणों एवं आवश्यक रसायनों तथा अन्य विविध कार्यो हेतु अनुदान उपलब्ध कराया जाता है।

 प्रशिक्षण कार्यक्रमः-प्रदेश में गठित दुग्ध सहकारी समितियों के सदस्यों, प्रबन्ध कमेटी सदस्यों तथा विभागीय कर्मचारियों को डेरी विकास के क्षेत्र में हो रही गतिविधियों के सम्बन्ध में आधुनिकतम जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से डेरी विकास योजना अन्तर्गत राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड के विभिन्न प्रशिक्षण केन्द्रों, यथा-जान्धर, पंजाब, आणन्द, गुजरात तथा विभिन्न डेरी प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण कराया जाता है।

प्लान्ट मशीनरीज एवं सिविल कार्यः-इसके अन्तर्गत दुग्ध संघों को आवश्यकतानुसाार सिविल कार्य एवं प्लान्ट मशीनरीज स्थापना मद में दुग्ध संघों के सुदृढीकरण के उद्देश्य से निर्माण कायों तथा मशीनरीज क्रय करने हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी जाती है।