डेरी विकास विभाग, उत्तराखण्ड की उपलब्धियाँ एक दृष्टि मेंः- (सहकारी वर्ष-2019-20, माह/दिनांकः जून, 2019 तक)।

  • 11 दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ गठित एवं कार्यरत।
  • 10 दुग्धशालाऐं, जिनकी दैनिक क्षमता 2.55 लाख लीटर प्रतिदिन।
  • 45 दुग्ध अवशीतन केन्द्र, जिनकी क्षमता 1.25 लाख लीटर प्रतिदिन।
  • 100 मै0 टन क्षमता की पशुआहार निर्माणशाला रूद्रपुर (उधमसिंहनगर) में स्थापित।
  • 140 दुग्ध मार्गों पर 4,131 दुग्ध सहकारी समितियां गठित एवं कुल,2561 कार्यरत, जिसमें 1,56,326 सदस्यों तथा 48,145 पोरर दुग्ध उत्पादकों की भागीदारी।
  • प्रदेश की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के द्वारा माह जून, 2019 तक औसत दैनिक दुग्धोपार्जन 1,69,367 किलोग्राम प्रतिदिन किया गया है।
  • प्रदेश की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के द्वारा माह जून, 2019 तक औसत दैनिक दूध बिक्री 174822 लीटर प्रतिदिन।
  • प्रदेश की दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों के द्वारा माह जून, 2019 तक कुल 2973 मै0टन पशु आहार विक्रय किया गया है।
  •  गंगा गाय महिला डेरी योजना अन्तर्गत प्रथम वर्ष 2014-15 में 366 तथा द्वितीय वर्ष 2016-17 में 1099 पशुक्रय किया गया। तृतीय वर्ष 2016-17 में 1,040 पशु क्रय किया गया है, चतुर्थ वर्ष 2017-18 में 1043 पशु क्रय किये गये एवं पंचम वर्ष 2018-19 में 711 पशुक्रय की प्रकिया गतिमान है। इस योजना के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2015-16 में  52,000 ईकाई लागत प्रस्तावित है, जिसमें से  27,000 राजकीय अनुदान,  20,000 बैंक ऋण तथा  5,000 लाभार्थी अंश सम्मिलित है।
  • दुग्ध मूल्य प्रोत्साहन योजना अन्तर्गत दुग्ध उत्पादकों को समितियों से जोडने एवं दुग्ध उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को 8.00 प्रतिशत एस0एन0एफ0 अथवा इससे अधिक की गुणवत्ता का दूध देने वाले समिति सदस्यों को  4.00 प्रति लीटर तथा 7.50 से 7.99 प्रतिशत एस0एन0एफ0 की गुणवत्ता का दूध देने वाले समिति सदस्यों को  3.00 प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि राजअनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है।